देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार वरिष्ठ नागरिकों को गरिमा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में जिलाधिकारियों को जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण का पीठासीन अधिकारी नियुक्त करते हुए, उन्हें वरिष्ठ नागरिकों की शिकायतों के त्वरित और प्रभावी निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को निर्देशित किया कि ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 (MWPSC Act, 2007)’ को सख्ती से लागू किया जाए। यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों को उनके बच्चों, पोते-पोतियों या संपत्ति उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार देता है।
राज्य में वर्तमान में 13 अपीलीय भरण-पोषण अधिकरण और 69 से अधिक तहसील स्तरीय अधिकरण कार्यरत हैं, जो अधिकतम ₹10,000 प्रति माह भरण-पोषण की राशि निर्धारित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि:
जिला मजिस्ट्रेट जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी होंगे।
उपजिलाधिकारी तहसील स्तर पर भरण-पोषण अधिकरण का नेतृत्व करेंगे।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) पदेन भरण-पोषण अधिकारी के रूप में कार्यरत होंगे।