अत्यंत दु:खद: केदारनाथ हादसा: गौरीकुंड के पास हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 की दर्दनाक मौत, चारधाम यात्रा 2025 में अब तक 5 हादसे

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रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में एक बार फिर बड़ा हादसा हो गया है। केदारनाथ धाम से लौटते समय आज रविवार 15 जून 2025 को गौरीकुंड वन क्षेत्र में आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इस दर्दनाक हादसे में पायलट समेत कुल 7 लोगों की जान चली गई।
हादसे का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आर्यन एविएशन के हेलीकॉप्टर ने सुबह 5:30 बजे केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी। कुछ ही देर बाद गौरीकुंड के वन क्षेत्र में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय महिलाओं ने घटना की सूचना आपदा प्रबंधन केंद्र को दी। राहत व बचाव कार्य में SDRF, NDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं।
मृतकों की पहचान
इस हादसे में मरने वालों की पहचान इस प्रकार हुई है:
  • कैप्टन राजबीर सिंह चौहान — पायलट, निवासी जयपुर
  • विक्रम रावत — बीकेटीसी कर्मचारी, निवासी रासी, ऊखीमठ (उम्र 45 वर्ष)
  • विनोद देवी — निवासी उत्तर प्रदेश (उम्र 66 वर्ष)
  • तृष्टि सिंह — निवासी उत्तर प्रदेश (उम्र 19 वर्ष)
  • राजकुमार सुरेश जायसवाल — निवासी महाराष्ट्र (उम्र 41 वर्ष)
  • श्रद्धा राजकुमार जायसवाल — निवासी महाराष्ट्र (उम्र 35 वर्ष)
  • काशी (पुत्री राजकुमार) — बालिका, निवासी महाराष्ट्र (उम्र 02 वर्ष)
चारधाम यात्रा 2025 में अब तक 5 हादसे
यह हादसा इस वर्ष के चारधाम यात्रा के दौरान हुआ पाँचवां हेलीकॉप्टर हादसा है।
सभी 5 हादसों का विवरण:
  • 8 मई 2025 — उत्तरकाशी (गंगनानी के पास) ऑपरेटर: Air-Trans Services Pvt. Ltd. 6 श्रद्धालुओं की मौत।
  • 12 मई 2025 — बद्रीनाथ ऑपरेटर: Thumby Aviation Pvt. Ltd. तकनीकी खराबी के बाद क्रैश लैंडिंग; सभी सुरक्षित।
  • 17 मई 2025 — केदारनाथ (AIIMS एयर एम्बुलेंस) ऑपरेटर: AIIMS Rishikesh, इमरजेंसी लैंडिंग; सभी सुरक्षित।
  • 7 जून 2025 — रुद्रप्रयाग (बड़ासू, केदारनाथ रूट)ऑपरेटर: Krystal Aviation Pvt. Ltd. इमरजेंसी लैंडिंग; सभी सुरक्षित।
  • 15 जून 2025 — केदारनाथ (गौरीकुंड हादसा — वर्तमान दुर्घटना) ऑपरेटर: Aryan Aviation Pvt. Ltd. पायलट सहित 7 मौतें।
2013 से अब तक कुल 16 हादसे
अगर पूरे रिकॉर्ड को देखें तो 2013 के बाद से उत्तराखंड के चारधाम रूट पर कुल 16 हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं, जिनमें 47 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
इनमें 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान हुए सेना के MI-17 हादसे से लेकर हाल के सभी निजी ऑपरेटरों के क्रैश शामिल हैं। कई बार तकनीकी खराबी तो कई बार मौसम की प्रतिकूलता हादसों का कारण बनी है।
बढ़ती चिंताएं और जांच की मांग
बार-बार हो रहे हादसों के कारण यात्रियों और उनके परिवारों में दहशत है। DGCA, UCADA और राज्य सरकार से इन हादसों की गहन जांच और हेलीकॉप्टर ऑपरेशन्स की सख्त निगरानी की मांग उठ रही है।
उत्तराखंड का विषम भौगोलिक क्षेत्र जहां एक ओर हेलीकॉप्टर सेवाओं को अत्यंत आवश्यक बनाता है, वहीं इन सेवाओं की सुरक्षा अब सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी है।
DGCA और UCADA जांच में जुटे
हादसे की जानकारी मिलने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और उत्तराखंड सिविल एविएशन प्राधिकरण (UCADA) ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच के बाद ही हादसे के असल कारणों का खुलासा होगा।

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