श्री बद्रीनाथ धाम विकास एवं प्रशासनिक सुधारों से संबंधित मंत्रिमंडल के निर्णय

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Dehradun: श्री बद्रीनाथ धाम विकास एवं प्रशासनिक सुधारों से संबंधित उत्तराखण्ड मंत्रिमण्डल द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।

1. बद्रीनाथ धाम परिक्षेत्रान्तर्गत आगमन प्लाज़ा में ‘सुदर्शन चक्र’ की विशिष्ट कलाकृति निर्माण की स्वीकृति।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत पुनर्विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आगमन प्लाज़ा पर “सुदर्शन चक्र” की एक अत्यंत विशिष्ट कलाकृति का निर्माण प्रस्तावित है, जिसे भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। उक्त कलाकृति के निर्माण हेतु कैबिनेट द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

2. बद्रीनाथ धाम के लेकफ्रंट क्षेत्र में ‘शेषनेत्र कमल दीवार’ कलाकृति निर्माण की स्वीकृति।
लेकफ्रंट क्षेत्र में “शेषनेत्र कमल दीवार” (Sheshnetra Lotus Wall) की एक विशिष्ट कलाकृति के निर्माण हेतु कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है। यह कार्य भी प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल है और इसका उद्देश्य धाम की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को सुदृढ़ करना है।

3. आगमन प्लाज़ा स्थित पर्यटन प्रबंधन केंद्र भवन में ‘सुदर्शन चौक कलाकृति’ निर्माण की स्वीकृति।
आगमन प्लाज़ा में पर्यटन प्रबंधन केंद्र भवन पर “सुदर्शन चौक कलाकृति” (Sudarshan Chowk Kalakruti) की स्थापना का कार्य किया जाएगा। इस अत्यंत विशिष्ट प्रकार की कलाकृति के निर्माण हेतु मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

4. बद्रीनारायण चौक पर ‘वृक्ष एवं नदी शिल्प’ निर्माण की स्वीकृति।
बद्रीनारायण चौक पर “वृक्ष एवं नदी” (Tree and River Sculpture) की अत्यंत विशिष्ट शिल्प की स्थापना की जाएगी। यह कार्य भी प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित है। उक्त कलाकृति के निर्माण की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा दी गई है।

5. उत्तराखण्ड विधि विज्ञान प्रयोगशाला में विभागाध्यक्ष नियुक्ति का निर्णय।
दिनांक 27.12.2024 की अधिसूचना के अनुसार, विधि विज्ञान प्रयोगशाला को गृह विभाग के प्रत्यक्ष नियंत्रण में लाया गया है। इससे विभाग के समस्त आय-व्ययक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में निदेशक, विधि विज्ञान प्रयोगशाला को शासकीय अभिलेखों में विभागाध्यक्ष घोषित किए जाने हेतु वित्तीय हस्तपुस्तिका खंड-1 (वित्तीय अधिकारों का प्रतिनिधायन), वर्ष 2018 के अध्याय-1 में विभागाध्यक्षों की सूची में सम्मिलित किए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल ने अनुमोदन प्रदान किया।

6. उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन।
उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग का गठन वर्ष 2011 में किया गया था, जिसके अंतर्गत कुल 47 पद सृजित किए गए थे। विगत 11 वर्षों में कार्य आवश्यकताओं के अनुसार इस ढांचे का पुनर्गठन नहीं किया जा सका, जिससे आयोग की दैनिक कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी। वर्तमान कार्य आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए, 12 नवीन पद सृजित करते हुए आयोग के वर्तमान ढांचे के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

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