जीएसटी काउंसिल का बड़ा फैसला: अब केवल दो टैक्स स्लैब, लग्ज़री सामान पर 40% टैक्स

Please Share
नई दिल्ली, 4 सितम्बर 2025: जीएसटी काउंसिल ने कल हुई बैठक में देश की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए इसे सरल और उपभोक्ता अनुकूल बनाने की दिशा में कदम उठाया है। अब तक लागू चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर केवल दो मुख्य स्लैब 5% और 18% कर दिया गया है। वहीं, महंगे और “सिन प्रोडक्ट्स” जैसे कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, तंबाकू व लग्ज़री कारों पर विशेष 40% टैक्स स्लैब लागू होगा।
क्या हुआ सस्ता?
  • साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, तेल, बिस्किट, टीवी, एसी जैसे रोज़मर्रा के उपयोग की वस्तुएँ अब केवल 5% टैक्स के दायरे में।
  • जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर पूरी तरह से जीएसटी छूट, यानी अब कोई टैक्स नहीं।
  • कृषि उपकरण और इनपुट्स पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है।
  • ₹2,500 तक के कपड़े और फुटवियर भी अब केवल 5% स्लैब में आएंगे।
किन पर बढ़ा टैक्स?
  • शुगर-युक्त पेय पदार्थ, एरेटेड ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स पर टैक्स बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।
  • महंगी कारें, बड़े इंजन वाली मोटरसाइकिलें और तंबाकू उत्पाद भी अब इसी 40% श्रेणी में आएंगे।
व्यापारियों और निर्यातकों को राहत
  • छोटे और बिना जोखिम वाले कारोबारियों को अब सिर्फ 3 दिन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन मिलेगा।
  • निर्यातकों के लिए 7 दिन में टैक्स रिफंड की सुविधा शुरू होगी।
  • प्री-फिल्ड जीएसटी रिटर्न का प्रावधान किया गया है ताकि अनुपालन आसान हो।
कब से लागू होगा?
ये नए टैक्स स्लैब और राहतें 22 सितम्बर 2025 से लागू होंगी, ठीक नवरात्रि से पहले।
आर्थिक असर
सरकार को इन रियायतों से करीब ₹48,000 करोड़ का राजस्व नुकसान झेलना पड़ सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टैक्स कटौती का फायदा पूरी तरह उपभोक्ताओं तक पहुँचा तो महँगाई में 1.1% तक की गिरावट आ सकती है।
राजनीतिक और जन प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे “मध्यवर्ग और आम जनता के लिए दिवाली गिफ्ट” बताया। बाज़ारों और उद्योग जगत ने इस फैसले का स्वागत किया है। ऑटो और कंज़्यूमर गुड्स सेक्टर के शेयरों में तेजी देखने को मिली।

You May Also Like